वो ओस से भीगी सड़क,तेज़ हवाओं के बीच,पेड़ों के झुरमुट की झड़प,सर्दियों की सुबह,और सुनसान राहों की तलब। जमीं पर उतर आए बादलों में,हमारा ज़माने से छिप जाना,हाथों में हाथ डाल,तेरा, मेरे कंधे पर झुक जाना,जैसे बसंत में किसी टहनी काफूलों से लद जाना। पर किसी की आहट सुन,तेरा झट से अलग हो जाना,और फिरContinue reading “सर्द सुबह”
Tag Archives: lover
अब लिखने लगा हूँ
ना जाने तुम कहाँ हो, कैसी हो,किस प्रांत, शहर, या देश जा बसी हो?सालों से तुमको सुना नहीं,चेहरा तो याद है अब भी,पर बरसों से तुमको देखा नहीं। वो तीखे नयन,गुस्से क भार उथाए,ऊँची और सिकुड़ती नाक,बड़ा सा बल खाया माथा,उस पर लटकती 1 लट,और वही सुबह की ताज़ी चाय सी मुस्कान,सब कल ही कीContinue reading “अब लिखने लगा हूँ”